.हाँ उन्हें अपने हाथ लाल दिखाई दे रहे थे ! .हाँ उन्हें अपने हाथ लाल दिखाई दे रहे थे !
मैं अब अपनी बेटी के पसंद के लड़के से ही उसकी शादी करूंगा और इतना कहकर सेठ जी चले गए। मैं अब अपनी बेटी के पसंद के लड़के से ही उसकी शादी करूंगा और इतना कहकर सेठ जी चले...
झूठ के बंधन झूठ के बंधन
समय का पहिया चला जा रहा था और कब मेरी नन्ही सी गुड़िया समझदार युवती बन गई पता ही नहीं च समय का पहिया चला जा रहा था और कब मेरी नन्ही सी गुड़िया समझदार युवती बन गई पता ही...
उन्होंने हँसते हुए कहा, हमरे ज़माने में मोबाइल नहीं था उन्होंने हँसते हुए कहा, हमरे ज़माने में मोबाइल नहीं था
और रमेश जी बेटी की ऐसी हालत देखकर बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। और रमेश जी बेटी की ऐसी हालत देखकर बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े।